पशुओ में पावस (Let Down of Milk) कैसे बढ़ाये ?
प्रस्तुति – Pashu Patrika Team (Let Down of Milk)
पशुपालक भाइयों!
आप लोग गाय भैंस दूध पाने के लिए पालते हैं। पूरा दिन आप अपनी गाय भैंस की रखरखाव चारे-दाने की व्यवस्था में भरपूर मेहनत और खर्चा करते हैं, यदि दूध निकालने की समय वही गाय दूध देने में आनाकानी करे या दूध ही ना उतारे तो आप पर क्या बीतेगी इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
दुधारू पशु के udder में स्थित lactiferous cells में दूध का निर्माण होता है और दूध oxytocin hormone के असर से milk alveoli तथा थन से होता हुआ बाहर निकलता है। यह oxytocin hormone मस्तिष्क में स्थित posterior pituitary gland नामक ग्रंथि निकलता है।
आइये जानते हैं कि पशु में किन कारणों से पावस की समस्या आती है।
- पहली बार ब्याही बहुत सी गाय या भैंस में ब्यात के शुरुआत के दिनों में दूध निकलने की तनाव से oxytocin hormone नहीं रिलीज हो पाता और ऐसी गायों में ब्यात की शुरुआत के दिनों में पावस की बड़ी समस्या रहती है। बहुत देर तक udder की मसाज करने पर udder से दूध उतर पाता है।
- बहुत से दुधारू पशुओं में तनाव के अन्य कारण भी होते हैं जैसे गाय का बच्चा मर जाना, गाय के साथ मारपीट करना, मौसम में बदलाव, स्थान परिवर्तन या पशु का बीमार होना। ऐसी स्थिति में पशु की adrenal gland से Adrenaline hormone निकलता है, जो कि oxytocin hormone के udder पर प्रभाव को रोक देता है और पशु में let down of milk नहीं होता।
- तीसर कारण है कि कुछ दुधारू animals जब 5 से 6 महीने का प्रेग्नेंट हो जाते हैं तब उनमें oxytocin hormone का निकलना काम हो जाता है और ऐसे animals दूध उतारने में दिक्कत करने लगते हैं
- चौथी स्थिति में animals में oxytocin की मात्रा एक बार में पूरी नहीं निकलती रुक-रुक कर निकलती है और गाय भैंस रुक-रुक कर पावती हैं। एक ही बार में दूध पूरा नहीं मिल पाता।
बहुत परेशानी की बात है कि जिस दूध के लिए आप गाय भैंस को पाल रहे हैं, वही दूध आपको नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में क्या करें?
• दुधारू पशु को तनाव मुक्त वातावरण में रखें, जहां रहने की समुचित व्यवस्था हो, सर्दी-गर्मी-बरसात से बचाव के समुचित साधन हो, शोर शराबा ना हो
• दोनों समय नियत समय पर ही दूध निकालने, दूध निकालने की समय को ना बदले
• यदि दूध मशीन से निकालते हैं तो अच्छी मशीन का प्रयोग करें
• पशु को सही प्रकार handle करें उसको मारे पीटे नहीं और ना ही डराए
• पशु के स्वास्थ्य जैसे – mastitis, बुखार, दर्द, आदि का उपचार करें
• Let down of milk की किसी भी समस्या को दूर करने में milkoplan का उपयोग सफलतापूर्वक किया जा सकता है। milkoplan एक हर्बल प्रोडक्ट है जिसका पावस बढ़ाने पर जोरदार असर है।
पावस की समस्या किसी भी कारण से हो उसको दूर करने में milkoplan बहुत प्रभावी है। इसे pregnant animals को भी खिलाया जा सकता है । Milkoplan pituitary gland से निकलने वाले oxytocin के समुचित उपयोग को सुनिश्चित करता है ।
यह पशु के हर तरह के तनाव को दूर करता है, जिनके कारण दुधारू पशु जल्दी और पूरा पावस देता है ।
पहली बार ब्याही बछिया आदि में भी पावस की समस्या को milkoplan के उपयोग से दूर किया जा सकता है ।
यह पूर्णतया हानि रहित और सुरक्षित उत्पाद है ।
पावस की समस्या दूर करने के लिए पशुओं के दूध निकालने के समय से एक घंटा पहले 10 ग्राम का 1 पाउच रोटी या आटे की लोई में रख कर सुबह शाम खिलाए ।
ध्यान रहे इसका उपयोग दोनों समय दूध निकालने से 1 घंटे पहले करना है ।
रुक-रुक कर पावसने वाले पशुओं में भी इसका अच्छा असर देखा गया है ।
Milkoplan के सुबह-शाम 10 दिन के प्रयोग में ही आपको इसका प्रभाव दिखाई दे जाएगा किंतु इसका उपयोग लगातार कम से कम 20 दिन तक अवश्य करना चाहिए