गाय भैंस के यूटरस के मुँह की सूजन (Cervicitis) का बेहतरीन इलाज

प्रस्तुति – Pashu Patrika Team

पशुपालक भाइयों, आज हम पशुपालन से संबंधित, एक ऐसी समस्या के बारे में बात करेंगे जो हमारे इस व्यवसाय में आर्थिक हानि का सबसे बड़ा कारण है | वह समस्या है पशु का ग्याभिन न ठहरना अर्थात उसका रिपीट बिल्डर होना |

जब आपकी गाय भैंस बार-बार हीट पर आती है, आप उसे कृत्रिम गर्भाधान या प्राकृतिक गर्भाधान कराते हैं किंतु वह ग्याभिन नहीं ठहरती, यह स्थिति रिपीट ब्रीडर कहलाती है | रिपीट ब्रीडर होने के बहुत सारे कारण हैं जिनमें से एक प्रमुख कारण है बच्चेदानी की मुंह की सूजन अर्थात सर्विसाइटिस (cervicitis) का होना | सर्विसाइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चेदानी का मुंह यानी कि उसकी ग्रीवा में सूजन आ जाती है और उसका साइज बढ़ जाता है | यह स्थिति पशुपालक भाइयों को बाहर से दिखाई नहीं देती किंतु वह जब अपनी मादा पशु को कृत्रिम गर्भाधान कराने के लिए डॉक्टर को बुलाते हैं और डॉक्टर हाथ डालकर cervics टटोलता है, तब पता चलता है कि cervics के मुंह पर सूजन आ गई है | कभी-कभी यह सूजन इतनी बढ़ जाती है कि उससे A.I. gun पास नहीं हो पाती और और डाला गया सीमेन भी cervics से आगे नहीं जा पाता है जिसकी वजह से गाय और भैंस गाभिन नहीं पाती है | अनेकों कारण है जिसकी वजह से सर्विसाइटिस हो सकती है –

पहला कारण बच्चेदानी में इन्फेक्शन होना – यदि यूट्रस के मुंह पर इंफेक्शन है | Cervics में इंफेक्शन है तो उस इंफेक्शन के कारण cervics में सूजन आ जाती है और उसका मुंह बंद हो जाता है |

दूसरा कारण – पशु के ब्याने के समय यदि उसके बच्चे को खींचकर निकाला गया हो तो बच्चेदानी फट जाती है और cervics सामान्य आकार में नहीं रहती है और सर्विसाइटिस हो जाती है|

तीसरा कारण – प्राकृतिक गर्भधान के समय cervics में चोट लगने के कारण सर्विसाइटिस हो सकती है |

चौथा कारण – कृत्रिम गर्भाधान के समय यदि A.I. gun को ठीक तरह ना डाला जाए और वह गलत तरीके से डालने के कारण cervics में चोट लग जाए और क्षति हो जाए तो सर्विसाइटिस हो सकती है |

सर्विसाइटिस को ठीक किए बिना पशु का ग्याभिन रुकना मुश्किल है | तो आइए देखते हैं इसके उपचार के बारे में –

हम कुछ घरेलू उपचारों के द्वारा भी सर्विसाइटिस पर विजय प्राप्त कर सकते हैं | यदि आप सौंठ 50 ग्राम, कलौंजी 50 ग्राम, मेथी 50 ग्राम और छोटा गोखरू 50 ग्राम लेकर उसका बारीक पाउडर बना लें और इस पाउडर की 25 ग्राम मात्रासुबह और 25 ग्राम मात्रा शाम को खिलाएं तो 10 दिन तक खिलाने से सर्विसाइटिस को ठीक किया जा सकता है |

कपास की जड़ 1 किलो, नीम पत्ता 1 किलो, नीम छाल 1 किलो और ग्वारपाठा 1 किलो लेकर 5 लीटर पानी में पका लें | जब पानी की मात्रा 2 लीटर रह जाए तो उसे आंच से उतारकर छान लें और इसकी 100 मिलीलीटर सुबह और 100 मिलीलीटर शाम को मात्रा प्रभावित पशु को 10 दिन तक पिलाने से सर्विसाइटिस को ठीक कर सकते हैं |

तीसरे उपचार में होम्योपैथिक दवाइयों के प्रयोग से भी सर्विसाइटिस का उपचार किया जा सकता है | इसके लिए कॉलोफाइलम 30, बोरेक्स 30 और हाइड्रेस्टिसकेन 30 का उपयोग पशु के लक्षणों के अनुसार करके सर्विसाइटिस को ठीक किया जा सकता है |

कुछ एलोपैथिक इंजेक्शन भी सर्विसाइटिस को ठीक करने में मदद करते हैं जैसे Dicrysticin-S 2.5 gm तथा Ing. Tonophosphane – 10 ml प्रभावित पशु को रोज दिन में 1 बार 7 दिन तक लगाने से सर्विसाइटिस में आराम हो जाता है |

एक अन्य आयुर्वेदिक औषधि जिसका उपयोग बहुत से पशुपालकों के द्वारा सफलतापूर्वक किया जा रहा है वह दवाई है METASILBOLUS (मेटासिल) | मेटासिल एक अनुभूत आयुर्वेदिक औषधि है जो कि सर्विसाइटिस के उपचार में इसका बहुत अच्छा रिजल्ट मिलता है | कुछ स्थिति में जब cervics का आकार क्रिकेट की बॉल से भी बड़ा हो जाता है और उसका मुंह पूर्णतया बंद हो जाता है, उस स्थिति में भी अकेले Metasil के उपयोग से सर्विसाइटिस को ठीक किया जा सकता है | प्रभावित पशु को Metasil की दो गोली सुबह और दो गोली शाम को रोटी के टुकड़े में रखकर 15 से 20 दिन खिलाने से सर्विसाइटिस ठीक हो जाती है | सर्विसाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसे दो-चार दिन में ठीक नहीं किया जा सकता| इसके लिए आपको लगातार 10 से 15 दिन दवाई खिलानी पड़ेगी तभी इस बीमारी का उपचार किया जा सकता है |

Metasil
Metasil