लाभदायक डेयरी फार्म के 7 नुस्खे

प्रस्तुति – Dr. Ajay Kumar Upadhyay

Professor and Head, Department of Veterinary Public Health and Epidemiology, College of Veterinary and Animal Sciences, G.B. Pant University of Agriculture and Technology, Pantnagar.

साधारण सी चीजे कई बार हम पेचीदा बना देते हैं।  भलेही दूध का व्यवसाय थोडासा मुश्किल और टेढ़ा लग रहा हो, लेकिन मुनाफा कमाने के कई भरोसेमंद मार्ग हैं।  इन उपायों का बारीकी से पालन करे, तो निश्चित ही हम सब लाभप्रद, प्रॉफिट कमानेवाला डेयरी फार्म चला सकते हैं।

वे कौन से आसान उपाय हैं, जिनसे आप लाभदायक डेयरी फार्म चला सकते हैं ? चलिए देखते हैं।

1. मुक्त संचार डेयरी फार्म – कम लागत, कम मेहनत

खुले रखरखाव या मुक्त संचार डेयरी फार्म में, गायों को घूमने की छूट और २४ घंटा साफ़ पानी पीने के लिए उपलब्ध होता है।

याद रखिये, १ लीटर दूध तैयार करने के लिए गाय को कम  से कम ४-५ लीटर पानी की आवश्यकता होती हैं।  याने की १० लीटर दूध देने वाली गाय को कम  से कम ५० लीटर पानी दिनभर में पीना होता है। यह आपके पारम्परिक डेयरी फार्म में २ बार पानी पिलाने से संभव नहीं होता।

गायों को बंधे हुए तनावयुक्त वातावरण से मुक्ति मिलती हैं।  तथा डेयरी फार्म मालिक को गायों की जगह बदलना, गोबर उठाना, गाय साफ़ करना, सहलाना आदि कामों से मुक्ति मिलती हैं।

खर्च एवं अतिरिक्त मेहनत से मुक्ति पाने के लिए खुला रखरखाव या मुक्त संचार डेयरी फार्म एक अच्छा उपाय है।  इससे १ ही लेबर (मजदूर) डेयरी फार्म में ज्यादा गाय संभाल सकता है।

गायों की संख्या बढ़ने पर, आप मिल्किंग मशीन भी अपना सकते हैं।

2. साइलेज – सालभर के लिए हरे चारे की उपलब्धता, चारे पे कम लागत

साइलेज का मतलब है, हरे चारे को उसके उपयोगी गुणों के साथ ज्यादा दिन तक संचय करके रखना।

एक ही फसल के साथ ही आप उसका साइलेज बनाके, हरे चारे के रूप में सालभर इस्तेमाल करे यानी आपका दूध-व्यवसाय होगा हिट !

मकई, जवार, हाथी घास आदि प्रकार के चारे का मुरघास बना सकते हैं।

गुड़ के जैसा, सुमधुर गंध होने वाला साइलेज चारा पशु बड़े चाव से खा लेते हैं।

3. ऊँची नसल की गाय का निर्माण – ज्यादा दूध, सुलभ प्रजनन

ऊँची नसल वाले गायों का निर्माण करते हुए सही प्रजनन निति (Breeding policy) रखना जरुरी हैं

एक पीढ़ी में इस्तेमाल हुआ बैल, उसी गाय से जन्मी अगली किसी भी पीढ़ी में इस्तेमाल न करें।

जिन पशुओ का प्रजनन का इतिहास, वंश इतिहास मालुम न हो, ऐसे पशु खरीदने के बजाय, अच्छी नसल के पशुओं की पैदाइश अपने ही फार्म में करे।

4. स्वच्छ दूध उत्पादन – दूध का अच्छा दाम

स्वच्छ दूध निर्मिति का मतलब है, ऐसा दूध तैयार करना, जिसमे बाहरी पदार्थ की मिलावट न होना, और कम से कम  जीवाणु से युक्त, एंटीबायोटिक का रेसिड्यू नहीं होना ।

दूध से चीज़, दही, योगर्ट आदि पदार्थ बनाने, एवं, मल्टिनैशनल कंपनी को दूध सप्लाई करने के लिए स्वच्छ दूध की ही बड़ी डिमांड होती है।

अच्छी तरह से हर उपाय करके स्वच्छ दूध निर्माण किया जाए, तो दूध के अच्छे दाम मिल सकते हैं।  बहुत सी दूध संकलन करने वाली संस्थाएँ भी आज कल स्वच्छ दूध- जिसमे एंटीबायोटिक का अंश न हो, माँगने लगी हैं।  ऐसे दूध को इन संस्था से बेहतर कीमत दी जाती है।

5. प्रतिबंधात्मक उपाय एवं टीकाकरण – थनैला और अन्य रोगों से बचाव

डेयरी फार्म में सारे जानवरों को समय के अनुसार टीकाकरण करे।

डी-वर्मिंग  – हर ३ महीने में कराए।  नए बछड़ों को हर महीने डी वर्मिंग, ६ महीने तक करे।

समय से CMT  किट से जाँच करके, सुप्त थनैला (sub – clinical  mastitis ) से बचाव करे।

बायोसिक्योरिटी स्प्रे का इस्तेमाल हर ६ माह में करे।  कोरोना के चलते यह बात और भी गंभीरता पूर्वक अपनाए।

मक्खी और चिचड़ो का निर्मूलन आवश्यकतानुसार करे।

6. स्वच्छ एवं निरोगी फार्म – तनावमुक्त पशुपालन

स्वच्छ और निरोगी फार्म होने से गाय, भैंसे औसतन कम बीमार होते हैं।  ठंडी छाव और बैठने के लिए सूखी जगह उपलब्ध हो तथा २४ घंटे स्वच्छ पानी उपलब्ध हो, तो पशु तनाव रहित जीवन बिताते है।

अच्छी नस्ल के पशु और निरोगी डेयरी फार्म का मतलब है दूध से अधिक आमदनी।

7. बही खाता – रिकार्ड बुक -हिसाब, नियोजन एवं व्यवस्थापन

दूध धंदा करते समय लाभ-हानि, पैदावार, खर्च, चारा,  दूध, मजदूर खर्च, गर्भाधान, डी वर्मिंग , गायों का वजन, जन्म-मृत्यु, खरीद-बिक्री, बीमारी-औषधि उपचार, आदि का रिकार्ड अपने बही खाते की बुक में लिखना जरुरी हैं।

अच्छी नसल के पशु की पैदाइश के लिए सही निति और गर्भधान के सारे रिकार्ड रखना अत्यावश्यक हैं।

रिकार्ड बुक में ज्यादा से ज्यादा तरह के रिकार्ड लिखते रहे।  लम्बे समय में यह मददगार साबित होगा।

इस तरह इन ७ उपाय करके आपका डेयरी फार्म सुन्दर और लाभदायक सिद्ध होगा।

साभार – पॉवरगोठा